निंदक Near राखिये
आलोक और पद्मजा के बाद अब मेरी बारी हिंदी चिठ्ठों की दुनिया में प्रवेश की। पर भारत पाक की बातचीत की तरह ज्यादा उम्मीदें न रखें। रफ्तार तो नल प्वाईंटर वाली ही रहेगी, बदलेगा तो बस अंदाज़े बयां।
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